न्यायधीश ने सभी कातिलों को बरी करने का फैसला सुनाया। कातिल इजलास से बाहर निकले तो उनका सामना उस मां से हुआ जिसके बेटे का दस साल पहले बेरहमी से कत्ल किया गया था। पांचों कातिलों ने उस मां के सामने अंहंकार से अपना सीना ठोका। इस पर उस मां ने कहा- बेटो ! तुम इस अदालत से तो बरी हो गए , लेकिन असल फैसला तो उपर वाले की अदालत में ही होगा।इसके बाद अदालत से बरी हुए पांचों कातिल एक खुली जीप में सवार होकर जश्न मनाते हुए अपने गांव जाने के लिए रवाना हुए। करीब पांच किलो मीटर चलने के बाद एक फाटक रहित रेलवे क्रासिंग पर उनकी जीप रेलवे लाईनों में फंस गई। जब तक वे उस जीप से नीचे उतर पाते उससे पहले ही तेज गति से आ रही रेलगाड़ी ने उसके परखच्चे उड़ा दिए। इस हादसे में उन पांचों कातिलों के अंग दूर दूर तक बिखर गए। फिर इन्सानी पुलिस मौके पर पहुंचीं और पंचनामा किया। पुलिस ने अब निष्पक्ष पंचनामा किया। क्यों कि अब उसके सामने भगवान का दरबार सजा हुआ था।
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