शनिवार, 21 जनवरी 2017

बिना हंसी का दिन व्यर्थ होता है..
मुस्कुराहट ,
खिलते फूल की तरहा होती है..
अपनेपन से मुलाकात तब होती है
अपनेपन से मुलाकात सबसे सुहानी होती है..
सहेज के रखो
थोड़े से पल की ही जवानी होती है
सुहानी होती है
बिना हंसी के दिन व्यर्थ होता है

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